बात पत्ते की what is fight

 समझ से परे ये है कि 80 से 90 % अधिकारियों को यही नहीं पता कि लड़ाई क्या थी और वर्तमान में क्या स्थिति है। 


हमारी लड़ाई NFFU / NFSG को लेकर शुरू हुई थी 2012 में जो कि OGAS का एक attribute है अन्य कहीं दूसरे attributes के अलावा । NFFU/NFSG के अलावा OGAS के अन्य attributes में CSS ( Central Staffing scheme) , Closed cadre upto JS level आदि भी हैं। दिल्ली हाई कोर्ट में हुए शुरुवाती ट्रायल में  सरकार का तर्क था कि NFFU सिर्फ OGAS अर्थात Organissed Group A services को ही दिया जा सकता है अन्य ग्रुप ए सेवाओं के लिए ये व्यवस्था 6th pay commission ने नही दी थी। अब हमने स्वयं को DOPT के 1986 में पब्लिश हुए एक मोनोग्राफ के आधार पर OGAS साबित किया NFFU हेतु और दिल्ली हाई कोर्ट ने 2015 में हमारे पक्ष में फैसला दिया जिसके खिलाफ सरकार SLP में चली गई सुप्रीम कोर्ट में। सुप्रीम कोर्ट ने भी 2019 में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सही मान कर सरकार की अपील खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने कैबिनेट नोट द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी। अब बात आई कोर्ट और सरकार के फैसले को लागू करने की जिसमे सरकार द्वारा यह मान के चला गया कि हमारी मांग सिर्फ OGAS के एक अट्रीब्यूट NFFU/NFSG को लेकर थी जिसको सरकार द्वारा CAPF के तत्कालीन भर्ती नियमों से लिंक करते हुए लागू किया गया जो बिल्कुल गलत और गैर कानूनी है क्योंकि ऐसा अन्य 37 सेवाओं के साथ नही किया गया है। दूसरी बात इस पूरे केस में जो पेटीशनर थे उनका उद्देश्य  OGAS के अन्य attributes पाना भी था जो अखिल भारतीय सेवाओं को स्वीकृत  नही हुआ कारण कि CSS ही असली पावर है जो पूरे देश को चलाते हैं। शुरू से ही इसमें IAS का प्रभुत्व रहा है जिसको एक लम्बी लड़ाई के बाद IPS एवं IRS आदि ने भी कुछ % अपने पक्ष में करने में सफलता पाई। खैर OGAS के सारे attributes मांग कर हमने सभी सोए हुई शक्तियों को जगा दिया है। जो पहले आपस में लड़ रहे थे वो अब हमारे खिलाफ संगठित होकर लड़ रहे हैं। और ये लड़ाई होकर All other OGAS vs CAPF हो चुकी है। चूंकि अन्य सभी सेवाओं के अधिकारी हमसे कहीं गुना अधिक शक्तिशाली और तेज हैं और हमारे नेता स्वयं केंद्रित और उदासीन हैं इसलिए इस लड़ाई को जीतना बहुत मुश्किल है। खैर माननीय न्यायालय के ऊपर है कि वो की बीच का रास्ता निकाले और कम से कम NFFU/NFSG को ही अन्य OGAS की तरह लागू करने के सख्त आदेश दे दें तो बहुत है। OGAS के सारे attributes पाना लगभग असम्भव के समान है क्योंकि इससे अखिल भारतीय सेवाओं से लेकर अन्य सभी OGAS के हक पर चोट होगी। 


खैर यह असंभव भी नही है लेकिन उस स्तर की इच्छाशक्ति और दम हाल में तो नही है हमारे  पास होना चाहिए।

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