अश्लीलता और सोशियल मीडिया

 सोशल मीडिया पर ऐसे ग्रुप है कि उनको समाज लाखो में फोलो करता है।सिगरेट पर लाखों फ़ोटो छिपी है कोई नही देखता मगर यह लोगो का मानसिक प्रदूषण इतना बादः गया है कि । लोग इंस्टाग्राम हो या फेसबुक। बड़काउ  आदि प्रकार की कभी कभी तो हद पार लेवल के फ़ोटो और वीडियो होते है। जिनको लाइक भी लाखों में एवं उनके फॉलोवर भी लाखों में।  सोशियल मीडिया पर लड़कियों के नाम के फेसबुक  पेज की बाढ़ आ रखी है। इनका काम केवल मानव जीवन के एक पहलू का इतना अधिक प्रचार किया जाता है,कि यह अलग ही दुनिया सी लगती है। लोगो को कोई काम ही नही है जैसे  सिनेमा जगत आइटम सांग न बनाये तो उनका फ़िल्म ही अधूरा  होता है,वैसे ही सोशल मीडिया पर इस जहर ने इतनी पकड़ बना ली कि आज aap पर देखो तो फेसबुक पर पेज जैसे प्लेटफार्म सब नग्न है।केवल तस्वीरों और विडिवो से वर्तमान पीढ़ी को अश्लीलता और कामुकता का जहर पान कराया जा रहा है। यही जहर है जो आज हमे बलात्कार के रूप में या हवस के रूप में समाज को डस रहा है।इस सचाई को हमे स्वीकार करना चाहिए।

मेरी राष्ट्रीय महिला आयोग से ऐसी अपेक्षा है कि वो जैसे चाइना के app बन्द हुए है वेजे ही सोशल मीडिया पर  कामुक तस्वीर या वीडियो वाले पेज बेन हो।

यह पेज एडिक्शन वर्तमान पीढ़ी को pubg या मयखानो जैसी धीमा जहर रूपी आदते हमारी वर्तमान समाज के जीवन के अंदर घुल रहे है।

मानव जीवन की एक ओर एक मात्र यही इच्छा हो ऐसा  या महिला को पाना ही चरम लक्ष्य हो ऐसा इन ग्रुपो की होड़ से प्रतीत होता है।


क्या हम सोशल मीडिया प्रदूषण दूर नही करना चाहिए।

जैसे कुछ साइट प्रतिबंधित है वैसे है इन पेज या app पर सेंसर से मोनिटरिंग हो कि एक guidline से ही सब तस्वीर और वीडियो अपलोड हो। 

हमारी आने वाली पीढ़ी की कोई दोष नही है ,वे वही समझेगे ओर सीखेंगे जो हम उनको दिखा रहे है।

इस लिए  हैम वर्तमान पीढ़ी को अपनी जिम्मेदारी समझना चाहिए।


सादर।।

कृपया जरूर गोर करे। हो सके इसे एक मुहिम के रूप में लिया जाए।। क्यो की मानसिक दिवालियापन का हर्जाना चुकाना असंभव होता है।।इस लिए पहले वातावरण को  शुद्ध करे तब ही युवा शुद्ध हवा में सांस ले पायेगा।।।

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