महाभारत क्यों हुआ

दोस्तो यह है सगुणी मामा।।
यह इस जलन में थे कि कैसे उनके भांजे सगे 
को राजगढ़ी नही मिल रही है ।
पांडवो को क्यो। अपने का मोह था इनको
दुर्योधन के चहेते रहना चाहते थे और फिर भला युधिष्ठिर का हक इनको कैसे अच्छा लगता।
 एक दिन  सगुनी को दुर्योधन के मन मे चल रही आग को मन मे भड़काने का मोका मिल गया।
इनको इंद्रप्रस्थ जाना हुआ । वहा पांडव महल की भव्यता देख के दंग रह गए। सोना इतना , सीसे ऐसे लगे थे जैसे एयरपोर्ट पे ग्लास के दौर। मामा भांजे पहले नही देखे थे यह तकनीक दरवाजे ओर पर्दे वाली। वो ग्लास है जा टकराय। फिर वही महल पे पर्स पे ऐसी मिना करी थी कि इनको समझ ही नही आया कि वो चल कहा रहे है। कही पानी नजर आता तो नही पर्स, एक बार जिस को पानी समखे व्व पर्स था, मामा भांजे पार हो गए,लेकिन दूसरे पर्स पे फिर पानी जैसा फिर डरे कही गिर न जाये।।लेकिन धीरे धीरे वो भी पार हो गया। लेकिन थोड़े चलते ही फिर वही भ्रम हो गया  पाणी है नीचे, दुरयोधन ने सोचा पहले जैसा ही होगा लेकिन इस भर ऐसा नही था, वो अंधर पानी मे गिर गया। सगुणी में मुश्किल से उठाया भांजे को लेकिन महल की रानी द्रोपती ने उनको गिरते देख लिए ओर सभी ओरते हंसती है।  दुर्योधन को बहुत गुस्सा आया, ऊपर से द्रोपदी ने बोला यह हस्तिनापुर नही है देवरजी यह इंद्रप्रस्थ है । बस इस बात ने दुर्योधन में प्रतिशोध की आग को औऱ भड़का दिया। और हो गया सगुणी मामा का काम पूर्ण

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